रीवायतें और भी थी.
रीवायतें और भी थी रस्में निभाने के लिये
मगर मेरा दिल ही मिला उसे आजमाने के लिये!
कहता था तुम्हारा हुँ मगर हुआ नहीं कभी
गैर ही बना रहा वो जमाने के लिये!
रिश्ते वफा कसमें सोच कर हसीं आती है
कितना झूठ बोलते है लोग निभाने के लिये!
निभा सको तो ही रिश्ता बनाओ किसी से
ना कहो यूं ही सिर्फ किसी को पाने के लिये!
ना वो मेरा है ना अब मै उसकी सब हुआ खत्म
बस जिंदगी है अब ये बाकी जाने के लिये!
हंसती हुँ खुश हुँ मै यक़ीनन अपनी जिंदगी मे
मगर लगता है सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिये!
© Rashmi Garg
मगर मेरा दिल ही मिला उसे आजमाने के लिये!
कहता था तुम्हारा हुँ मगर हुआ नहीं कभी
गैर ही बना रहा वो जमाने के लिये!
रिश्ते वफा कसमें सोच कर हसीं आती है
कितना झूठ बोलते है लोग निभाने के लिये!
निभा सको तो ही रिश्ता बनाओ किसी से
ना कहो यूं ही सिर्फ किसी को पाने के लिये!
ना वो मेरा है ना अब मै उसकी सब हुआ खत्म
बस जिंदगी है अब ये बाकी जाने के लिये!
हंसती हुँ खुश हुँ मै यक़ीनन अपनी जिंदगी मे
मगर लगता है सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिये!
© Rashmi Garg