...

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रीवायतें और भी थी.
रीवायतें और भी थी रस्में निभाने के लिये
मगर मेरा दिल ही मिला उसे आजमाने के लिये!

कहता था तुम्हारा हुँ मगर हुआ नहीं कभी
गैर ही बना रहा वो जमाने के लिये!

रिश्ते वफा कसमें सोच कर हसीं आती है...