रिश्ते को श्रद्धांजलि
कुछ मुझे
सफाई देना गवारा ना हुआ
कुछ तुमने भी
पूछने की जहमत नहीं की
ना मैं ने पुकारा
ना तुमने बुलाया
तुमने जो
मन मे आया बोल दिया
और मैं
अपने मन की नहीं बोल पाया
काश मैं बोल देता
या तुम रोक लेते
तो अपने रिश्ते को आज
श्रद्धांजलि ना दे रहे होते
© बदनाम कलमकार
सफाई देना गवारा ना हुआ
कुछ तुमने भी
पूछने की जहमत नहीं की
ना मैं ने पुकारा
ना तुमने बुलाया
तुमने जो
मन मे आया बोल दिया
और मैं
अपने मन की नहीं बोल पाया
काश मैं बोल देता
या तुम रोक लेते
तो अपने रिश्ते को आज
श्रद्धांजलि ना दे रहे होते
© बदनाम कलमकार