...

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अनुभूति की सुखद याम
आज फिर हुई यादों की दस्तक
दिल के चौखट पर !
छा गई घनी धुँध जेहन तक कि
दिखाई नहीं दिया कुछ भी
दूर दूर तक उसके सिवा !

उन खामोशियों की सदा में ,
डूब गया है अस्तित्व मेरा !
सूझता नहीं है मार्ग निस्तार का ,
यह तादात्म ,अनुभूति
की सुखद याम ये खत्म न हो !!

© MaheshKumar Sharma
11/3/2023
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