आसमान को आज चिढ़ाऊं
कल का कोई अंदेशा नही
परसों का क्या अनुमान लगाऊं"
घड़ी घड़ी सोच के कल को
क्यूँ अपना आज जलाऊ!!
खरीद लू अपना इंद्र धनुष ...
परसों का क्या अनुमान लगाऊं"
घड़ी घड़ी सोच के कल को
क्यूँ अपना आज जलाऊ!!
खरीद लू अपना इंद्र धनुष ...