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प्रिये
दिल स्नेहा में लिपटा कुमुद सा
तुम उसका हो उपकार प्रिये
मन रोम रोम संचित तुमसे
तुम बारिश का बौछार प्रिये
पतझड़ जैसे माटी गहती
तेरा होना कुछ वैसा है
तुम उर्जा हो इस जीवन की
जीवन तुम पर न्योछार प्रिये
हर सांस सांस जीवन का है
जीवन का तुम व्यवहार प्रिये
दिल स्नेहा में लिपटा कोंपल सा
तुम बारिश सा उपहार प्रिये।
© Gitanjali Kumari
तुम उसका हो उपकार प्रिये
मन रोम रोम संचित तुमसे
तुम बारिश का बौछार प्रिये
पतझड़ जैसे माटी गहती
तेरा होना कुछ वैसा है
तुम उर्जा हो इस जीवन की
जीवन तुम पर न्योछार प्रिये
हर सांस सांस जीवन का है
जीवन का तुम व्यवहार प्रिये
दिल स्नेहा में लिपटा कोंपल सा
तुम बारिश सा उपहार प्रिये।
© Gitanjali Kumari
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