...

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प्रिये
दिल स्नेहा में लिपटा कुमुद सा
तुम उसका हो उपकार प्रिये
मन रोम रोम संचित तुमसे
तुम बारिश का बौछार प्रिये
पतझड़ जैसे माटी गहती
तेरा होना कुछ वैसा है
तुम उर्जा हो इस जीवन की
जीवन तुम पर न्योछार प्रिये
हर सांस सांस जीवन का है
जीवन का तुम व्यवहार प्रिये
दिल स्नेहा में लिपटा कोंपल सा
तुम बारिश सा उपहार प्रिये।
© Gitanjali Kumari