हम और समाज
जब भी हम,
अकेले में शांत होते हैं,
तब बनता रहता हैं
हमारे अंदर एक नया समाज,
दिन के ढलते,
रात के गहरे होने के साथ साथ
बनता जाता हैं,
हमारे अंदर एक और समाज,...
अकेले में शांत होते हैं,
तब बनता रहता हैं
हमारे अंदर एक नया समाज,
दिन के ढलते,
रात के गहरे होने के साथ साथ
बनता जाता हैं,
हमारे अंदर एक और समाज,...