...

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एक सुनहरी शाम ✨🌹
आज कलम उठाई, तो एक याद लिखी😉
उस याद में, फिर एक सुनहरी शाम लिखी ....🤩
कि एक शख्स मिला था मुझे इस कदर,
जिसकी ना मुझे आस रही😅
मैं बस सोचती रही ऐसी शाम,
मुझे भी कैसे रास रही🙃

थामे खड़ी थी हाथ उसका,
मानो वो जैसे काँप उठा😬
मैं मस्त थी अपने बातों के किस्से सुनाने में
वो सिर्फ मुझे निहार रहा🤭

सारे राज एक एक करके मैं बता गई🤐
वो बस सुनता रहा मुझे, जैसे कोई किताब हुई😇
फिर ढलती शाम में
एक एक कॉफी के साथ, हमारी बात खत्म हुई🌝

फिर ना तो मुझे कोई आस रही
ना तो कोई उम्मीद थी 🙂
पर जब कॉल आया उसका
"Can you take dinner with me" 🙈

फिर डिनर पर हमारी बातें शुरू,
खत्म हुई घड़ी की टिक टिक से🕚
11 बजे जाना था उसे अपने शहर
फिर से अपनी दुनिया में,🌍🥺

तब तो मैं खुश थी
कि मुझे मिला कोई अपना ,
इस अनजान शहर में🤝
वो जाने को था बस,
तब मेरी आँखें भर आई🙂
उस शाम ना जाने कितनी बातें
लबों पर आते ही थम गई 🤐

बहुत कुछ रह गया था उससे कहना सुनना
पर ये वक्त रूखा ही नहीं,
फिर
फिर वो उसका अलविदा कहना
जैसे ,सारा जहाँ रुक गया,
वैसे
उसका दिल भी शायद एक पल के लिए थम गया
कुछ तो कहना था उससे भी,
पर वो तब भी चुप ही रहा,🙁
पर 😄
पर नज़रें उसकी सब बयाँ कर गई,
हाय, 🙈
और मैं तो बिना कहे ही सब कुछ कह गई
और हाँ
हा 🤔
नंबर तो एक्सचेंज किए थे हमने
पर उस शाम की बात कुछ और थी🥺💖
फिर वो भी अपने घर गया में भी अपनी दुनिया में चली।।


फिर वो हुआ, जो मैंने सोचा भी नहीं 🥺

stay tuned for next part✨🌹
kesi lagi story no poem
kyuki poem ki trh hi likhna chahti thi 🤭🤭
#Thank you 🤝💖

© leena_5