...

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एक सुनहरी शाम ✨🌹
आज कलम उठाई, तो एक याद लिखी😉
उस याद में, फिर एक सुनहरी शाम लिखी ....🤩
कि एक शख्स मिला था मुझे इस कदर,
जिसकी ना मुझे आस रही😅
मैं बस सोचती रही ऐसी शाम,
मुझे भी कैसे रास रही🙃

थामे खड़ी थी हाथ उसका,
मानो वो जैसे काँप उठा😬
मैं मस्त थी अपने बातों के किस्से सुनाने में
वो सिर्फ मुझे निहार रहा🤭

सारे राज एक एक करके मैं बता गई🤐
वो बस सुनता रहा मुझे, जैसे कोई किताब हुई😇
फिर ढलती शाम में
एक एक कॉफी के साथ, हमारी बात खत्म हुई🌝

फिर ना तो मुझे कोई आस रही
ना तो कोई उम्मीद थी 🙂
पर जब कॉल आया उसका
"Can you take dinner with me" 🙈...