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तू मेरी बने में तेरा बनूं।
राहें ए इश्क में हो कांटे अगर ,
हाथ पे अपने पग तेरा थाम लूं।
सुख की मुझको चाह नहीं,
बस हर दुख तेरा बांट लूं।
मंजिल ए मोहब्बत की मुझको परवाह नहीं,
बस सफर ए जिंदगी में तेरा हाथ थाम लूं।
बस एक बार तू हां कह दे फिर,
इश्क़ ए दुश्मन से में लड़ जाऊं।
चाहत है बस एक यही,
तू मेरी बने में तेरा बनूं।2।
✍️✍️मयंक ✍️✍️
© mayank1998
हाथ पे अपने पग तेरा थाम लूं।
सुख की मुझको चाह नहीं,
बस हर दुख तेरा बांट लूं।
मंजिल ए मोहब्बत की मुझको परवाह नहीं,
बस सफर ए जिंदगी में तेरा हाथ थाम लूं।
बस एक बार तू हां कह दे फिर,
इश्क़ ए दुश्मन से में लड़ जाऊं।
चाहत है बस एक यही,
तू मेरी बने में तेरा बनूं।2।
✍️✍️मयंक ✍️✍️
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