...

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वो समझ ना सके खामोशियों की वजह
सोचा था बिन कहे
समझ जाओगे तुम दर्द को मेरे
ये के जुदा होके तुमसे
ज़रा भी ठीक नहीं हूं मैं
पर जीते जी मरते हुए
मुझे जब बहुत वक्त हो गया
मैंने तुमसे दर्द अपना कह दिया
पर तुमको फ़िर भी समझ ना आया
तुमने शायद समझना ही ना चाहा
आज भी तेरी यादें
साया बनके चलती हैं मेरा
कहीं भी छुप जाऊं
ये पीछा...