...

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माँ
माँ मैंने जीवन का सच तुझसे ही जाना है
खुदा तुझे अपना ईश्वर तुझको माना है
तेरा मुझपर ऐहसान बड़ा ही भारी है
बहुत कर चुकी मेरे खातिर
मेरा अब कर्तव्य निभाना बाकी है
मेरी भूख मिटाने को कितना तुमने दर्द सहा
मुस्कान खिला चेहरे पर तेरे
अभी मेरा फ़र्ज़ निभाना बाकी है
माँ मैंने जीवन का सच - --
ऊँगली थाम मेरी तूने चलना सिखलाया
तूने ही मुझको अपनो से मेरा परिचय करवाया
मैं नहीं सब ये मान चुके हैं
नहीं कोई सिवा तेरे चमत्कार ये कर पाया
लाल को अपने दिया लाड़ हर अनाथ को अपनाया
दिखा मुझे माँ सागर ममता का तुझमें
मैंने तुझमें देवकी यशोदा स्वरूप है पाया
जब से देखा है माँ तुझको मैंने
अश्रु का बाँध टूट आज माँ चरणों मैं आज उत्तर आया है
माँ जीवन का सच मैंने तुझसे ही जाना है