...

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मुझे जानना है तुम्हारा खयाल ।
मुझे जानना हैं तुम्हारा खयाल।

पर उन हर शख्सो की तरह नही,
जो हर रोज की तरह मुलाकात में
यु ही जान लिया करते हैं
तुम्हारा खयाल ,
और हर रोज की तरह
तुम भी बता देते की
ठीक हैं तुम्हारा हाल-चाल ।

यु जख्मो को अंदर रखकर
अपने दिल को भारी सा मत करो ।
थोड़ा सा हमारे साथ भी
बाँट लिया करो।

मैं तुम्हे कमज़ोर समझूंगी,
यह समझकर ग़लतफ़हमी
मत कर देना;
मैं तुम्हारे गम का
मज़ाक बना दूंगी समझकर,
मेरे सवाल को टाल मत देना ।
मैं तुम्हे समझ नहीं पाऊँगी समझकर,
मुझे नकार मत...