मुझे जानना है तुम्हारा खयाल ।
मुझे जानना हैं तुम्हारा खयाल।
पर उन हर शख्सो की तरह नही,
जो हर रोज की तरह मुलाकात में
यु ही जान लिया करते हैं
तुम्हारा खयाल ,
और हर रोज की तरह
तुम भी बता देते की
ठीक हैं तुम्हारा हाल-चाल ।
यु जख्मो को अंदर रखकर
अपने दिल को भारी सा मत करो ।
थोड़ा सा हमारे साथ भी
बाँट लिया करो।
मैं तुम्हे कमज़ोर समझूंगी,
यह समझकर ग़लतफ़हमी
मत कर देना;
मैं तुम्हारे गम का
मज़ाक बना दूंगी समझकर,
मेरे सवाल को टाल मत देना ।
मैं तुम्हे समझ नहीं पाऊँगी समझकर,
मुझे नकार मत...
पर उन हर शख्सो की तरह नही,
जो हर रोज की तरह मुलाकात में
यु ही जान लिया करते हैं
तुम्हारा खयाल ,
और हर रोज की तरह
तुम भी बता देते की
ठीक हैं तुम्हारा हाल-चाल ।
यु जख्मो को अंदर रखकर
अपने दिल को भारी सा मत करो ।
थोड़ा सा हमारे साथ भी
बाँट लिया करो।
मैं तुम्हे कमज़ोर समझूंगी,
यह समझकर ग़लतफ़हमी
मत कर देना;
मैं तुम्हारे गम का
मज़ाक बना दूंगी समझकर,
मेरे सवाल को टाल मत देना ।
मैं तुम्हे समझ नहीं पाऊँगी समझकर,
मुझे नकार मत...