काश हर मौत से सीख लेते हम😌
कि, काश यहां हुई हर मौत से सीख लेते हम, और
जब बिल्कुल ठीक हमारी ही तरह एक थका हुआ बूढ़ा-सा शख़्स
हमारी दहलीज पर आकर हमारे दरवाज़े को ठक-ठका रहा होता ना, जो बस ऊपरवाले के कहने पर इस ख़ुशहाल जहां के
मासूमों की जान लेने का जिम्मेदार कहला-कहलाकर
अन्दर से टूट गया है,
जो अर्थियों का बोझ ढो-ढोकर कमज़ोर होकर जैसे बिखर-सा गया है
हाँ, हाँ बेशक मैं...
जब बिल्कुल ठीक हमारी ही तरह एक थका हुआ बूढ़ा-सा शख़्स
हमारी दहलीज पर आकर हमारे दरवाज़े को ठक-ठका रहा होता ना, जो बस ऊपरवाले के कहने पर इस ख़ुशहाल जहां के
मासूमों की जान लेने का जिम्मेदार कहला-कहलाकर
अन्दर से टूट गया है,
जो अर्थियों का बोझ ढो-ढोकर कमज़ोर होकर जैसे बिखर-सा गया है
हाँ, हाँ बेशक मैं...