पढ़ावे.....
वो किताब ही क्या,
जो ज्ञान ना दे पाए....
वह मंज़िल ही क्या,
जो काटे ना बिछा पाए...
कोई मनुष्य ही क्या,
जो प्रयत्न ना कर पाए....
दो हात ही...
जो ज्ञान ना दे पाए....
वह मंज़िल ही क्या,
जो काटे ना बिछा पाए...
कोई मनुष्य ही क्या,
जो प्रयत्न ना कर पाए....
दो हात ही...