...

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मेरी रूह कांप गई
मेरी रूह कांप गई जब सुनी ये बात ,
क्यू उस लड़की के साथ हुआ ये आघात?
वो चीकी और चिलाई होगी ,
क्या उसने किसी को आवाज नहीं लगाई होगी ।
जब किया शोषण उसके अपनों ने,
तो बताओ किस रिश्ते पर विश्वास करू मैं,
आज हर दूसरी लड़की की ये कहानी है,
क्यू आज ये बात किसी ने नहीं मानी है?
फिर एक दिन मना किया उसने पापा से ,
की आज नहीं आज मै थक गई हूं।।
ये सुन के किस की रूह कांपी होगी?
क्या कसूर था उस छोटी बच्ची का ?
क्या किया था उसने ऐसा ?
९ महीने की लड़की ने भी कुछ किया होगा !
क्या उसने छोटे कपड़े पहने थे?
क्या उसने ऐसी कोई बात की थी ?
जो की वो हवसी दरिंदा उस पर हावी हो गया।।
हर रोज हमारे देश में बलात्कार होते हैं,
हर रोज बहुत सी लड़कियों की जिन्दगी खराब होती है,
हर रोज बहुत सी लड़कियां किसी की हवस का शिकार होती है,
कुछ मासूमों को तो ये भी नहीं पता कि ये हो क्या रहा है हमारे साथ,
क्या गलती है हमारी।
कुछ अपने आप को पीड़ित मान कर घर से नहीं निकलती ,
अपनी जिंदगी नरक बना देती है ,
ना कोई आवाज उठाती है,
कुछ तो खुद खुशी कर लेती हैं।
गलती उनकी नहीं है ,
हमरा समाज ही ऐसा है ,
कोई जीने ही नहीं देता ।
100% में से 80% मुकदमे या तो दर्ज नहीं होते या सिर्फ कागज़ो तक ही सीमित रह जाते है।
और अगर गलती से दर्ज भी कर लिए ,
फिर उस लड़की का रोज बलात्कार होता है,
कोर्ट में अश्लील सवाल पूछे जाते है ,
उसके अस्तित्व को दार- दार किया जाता है ,
हर रोज अख़बार उठा के देखती हूं ,
10 में से 4 खबर बलात्कार की होती है ।
क्या हो रहा है हमारे देश में?
क्या ये देश हमारे लिए सुरक्षित नहीं है?
किस दिन कोई लड़की रात में जाने से नहीं डरेगी ?
इस सवाल ने आज देश की हर लड़की के जहेन में घर कर लिया है,
मैं जानती हूं इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं है,
यहां कोई जिम्मेदार नहीं है,
पूरी व्यवस्था ही खराब है ,
यहां हर कोई बिका हुआ है ।
ये सवाल बस सवाल बन के ही रह जाएंगे ।

© nehachoudhary