औरत
बर्फ़ सा सुकून मुझमें
अंगारों से क्यूंँ हिसाब मेरा
नर्म हूंँ मैं मोम जैसी
पत्थरों से क्यूंँ टकराव मेरा
जोड़ती हूंँ दुनियादारी
टुकड़ों में क्यूंँ बिखराव मेरा
रखूंँ ख़्याल सबका मैं
सस्ता क्यूंँ रख -रखाव मेरा
'हां'करते जीती जाऊं
'ना' में ही क्यूंँ जवाब मेरा
पूरी करूंँ सबकी चाहत
रहे अधूरा क्यूंँ ख़्वाब मेरा
शिद्दत भरती हूंँ रिश्तों में
दगाबाज़ हर क्यूंँ हुबाब मेरा
अंगारों से क्यूंँ हिसाब मेरा
नर्म हूंँ मैं मोम जैसी
पत्थरों से क्यूंँ टकराव मेरा
जोड़ती हूंँ दुनियादारी
टुकड़ों में क्यूंँ बिखराव मेरा
रखूंँ ख़्याल सबका मैं
सस्ता क्यूंँ रख -रखाव मेरा
'हां'करते जीती जाऊं
'ना' में ही क्यूंँ जवाब मेरा
पूरी करूंँ सबकी चाहत
रहे अधूरा क्यूंँ ख़्वाब मेरा
शिद्दत भरती हूंँ रिश्तों में
दगाबाज़ हर क्यूंँ हुबाब मेरा