अर्धनारीश्वर (महाशिवरात्रि एवं महिला दिवस)
जग को देखा स्वयं को भूले, भूले बिसरे लोग हम ही...
क्षमता हमारी उनके जैसी, जैसे भोले नाथ तुम्ही...
महासागर तुम हो बूंद हम ही सब, मुझमें तेरा वास वही...
"अहं ब्रह्मास्मि", "तत्त्वमसि", और "सर्वं खल्विदं ब्रह्मम्" का सार यही...
दर्पण में जो दिखता तुम्ही हो, देखन वारे दृष्टा तुम्ही...
देख रहा जो दर्पण संग मुझको दृष्टा, दृष्टि और दृश्य तुम्ही...
तुमने जब विषपान किया,धनवंतरी तब अमृत देवता पी पाया......
क्षमता हमारी उनके जैसी, जैसे भोले नाथ तुम्ही...
महासागर तुम हो बूंद हम ही सब, मुझमें तेरा वास वही...
"अहं ब्रह्मास्मि", "तत्त्वमसि", और "सर्वं खल्विदं ब्रह्मम्" का सार यही...
दर्पण में जो दिखता तुम्ही हो, देखन वारे दृष्टा तुम्ही...
देख रहा जो दर्पण संग मुझको दृष्टा, दृष्टि और दृश्य तुम्ही...
तुमने जब विषपान किया,धनवंतरी तब अमृत देवता पी पाया......