जिंदगी....
ज़िन्दगी का सफर
कभी तेरी तो कभी मेरी हैं,
कभी उसकी तो कभी इसकी हैं,
ज़िन्दगी
कभी तिनके तिनके पर पड़ी खुशियां हमारी हैं,
तो कभी सफेद पन्नों के चारों और रंगों की स्याही से भीगी हैं,
ज़िन्दगी
कुछ एहसासों की गहराई में बन्द...
कभी तेरी तो कभी मेरी हैं,
कभी उसकी तो कभी इसकी हैं,
ज़िन्दगी
कभी तिनके तिनके पर पड़ी खुशियां हमारी हैं,
तो कभी सफेद पन्नों के चारों और रंगों की स्याही से भीगी हैं,
ज़िन्दगी
कुछ एहसासों की गहराई में बन्द...