~ रेत का घरौंदा~
रेत पर रेत का घरौंदा बनाया
जिसे बड़ी लगन से मैंने सजाया
दो खड़की , एक दरवाज़ा बनाया
छोटी सी बगिया और एक कुआँ बनाया
गहरे सागर को नदिया बनाया
था छोटा सा आशियाँ बनाया
लेकिन मुझे क्या पता था
जैसे ही ज्वार आया
मेरे घरौंदे को साथ बहाया
ना था अब कोई वहाँ नामोनिशान
वो तो एक ख़्वाब था ,
जिसे दिल ने सजाया था !!
© Anu Mathur
जिसे बड़ी लगन से मैंने सजाया
दो खड़की , एक दरवाज़ा बनाया
छोटी सी बगिया और एक कुआँ बनाया
गहरे सागर को नदिया बनाया
था छोटा सा आशियाँ बनाया
लेकिन मुझे क्या पता था
जैसे ही ज्वार आया
मेरे घरौंदे को साथ बहाया
ना था अब कोई वहाँ नामोनिशान
वो तो एक ख़्वाब था ,
जिसे दिल ने सजाया था !!
© Anu Mathur