ज़ख्म बरसा है तुम वफ़ा कर दो न
ज़ख्म बरसा है तुम वफ़ा कर दो न
दिल लगा कर थोड़ी खता कर दो न
इज़हार रहने दो तुम इश्क़ का
नज़रे झुका कर रज़ा कर दो न
तुम्हे...
दिल लगा कर थोड़ी खता कर दो न
इज़हार रहने दो तुम इश्क़ का
नज़रे झुका कर रज़ा कर दो न
तुम्हे...