...

22 views

मैं
एक टूटा सा तारा बन गई हूं मैं
ख्वाहिशों से परे एक सूखा सा
पत्ता बन गई हूं मैं......

हर रोज आंसू झलक जाते हैं
मेरी इन आंखों से
पुराने दर्द के साथ साथ
नए दर्द को भी आमंत्रित
कर रही हूं मैं......

खत्म ना हों...