...

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dard
सच कहूं ? तेरे मन में है ही नहीं
तू कभी निभाने की सोचता ही नहीं
तुझे मेरे दर्द कभी महसूस ही नहीं हुए
मैं निभाता रहा रिश्तों को अपना समझ के
तूने रिश्ते बदलने से खुद को रोका...