...

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ज़िंदा लाश की तरह हूँ मैं
पतझड़ के मौसम में
गिरते पत्ते की तरह हूँ मैं
इन हवाओं के झोकों से
भरी उड़ान का परिंदा हूँ मैं
डूबते सूरज की
आख़िरी किरण हूँ मैं
अँधेरे में चमकते
तारो की तरह हूँ मैं
इस मतलबी दुनिया में
ज़िंदा लाश की तरह हूँ मैं

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