मैं सोया रात जगाती रही
मैं सोया
रात जगाती रही
सपनों की बातें
नजरों से टकराती रहीं
एक पल न सुजा
पहर दर पहर जाती रही
नूतन सवेरा निकल आया
नींद आंखों में जगमगाती रही
मैं सोया ,,,,,,,,
तन्हा यादें उसकी
उमड़-धुमड़ कर आती रही
भाव भावना प्यार
दुनिया की रंग दिखाती रही
चेहरे कि रंगत उड़ गई
हंसगुल्ले हसाती रही
चैन नींद को...
रात जगाती रही
सपनों की बातें
नजरों से टकराती रहीं
एक पल न सुजा
पहर दर पहर जाती रही
नूतन सवेरा निकल आया
नींद आंखों में जगमगाती रही
मैं सोया ,,,,,,,,
तन्हा यादें उसकी
उमड़-धुमड़ कर आती रही
भाव भावना प्यार
दुनिया की रंग दिखाती रही
चेहरे कि रंगत उड़ गई
हंसगुल्ले हसाती रही
चैन नींद को...