जय जय महाकाल
मैं आदि हूँ,अंत हूँ
मैं ही ब्रह्मांड अनंत हूँ।।
मैं मौन हूँ, मैं शोर हूँ
मैं ही मैं चहु ओर हूँ।।
मैं गीत हूँ, मैं साज हूँ
मैं कल हूँ मैं आज हूँ।।
मैं असंख्य रूप धारक हूँ
मैं ही पालक संहारक हूँ।।
सुध में भी...
मैं ही ब्रह्मांड अनंत हूँ।।
मैं मौन हूँ, मैं शोर हूँ
मैं ही मैं चहु ओर हूँ।।
मैं गीत हूँ, मैं साज हूँ
मैं कल हूँ मैं आज हूँ।।
मैं असंख्य रूप धारक हूँ
मैं ही पालक संहारक हूँ।।
सुध में भी...