उसे जाने दो.....
वो गंभीर कोई ग़ज़ल है,
मैं आम सा कोई लफ्ज हूं,
वो आसमानों का राजा है
तो मैं अपने आप में एक कर्ज हूं,
वो गहराई है किसी सागर की
तो मैं बारिश का पानी हूं,
उससे हवाएं भी बातें करती हैं,...
मैं आम सा कोई लफ्ज हूं,
वो आसमानों का राजा है
तो मैं अपने आप में एक कर्ज हूं,
वो गहराई है किसी सागर की
तो मैं बारिश का पानी हूं,
उससे हवाएं भी बातें करती हैं,...