उसे जाने दो.....
वो गंभीर कोई ग़ज़ल है,
मैं आम सा कोई लफ्ज हूं,
वो आसमानों का राजा है
तो मैं अपने आप में एक कर्ज हूं,
वो गहराई है किसी सागर की
तो मैं बारिश का पानी हूं,
उससे हवाएं भी बातें करती हैं,
और मैं अधूरी सी एक कहानी हूं ,
वो रंग है एक बादलों का,
मेरा गेहूं सा रंग सांवला,
वो आसमां मैं जमीं हूं
फिर मेरा उसका क्या मुकाबला ......
मैं दुआ करुंगी उसके लिए,
क्योंकि जज्बातों की कोई जेल नहीं,
उसे जाने दो उसके रास्ते
उसका मेरा कोई मेल नहीं.....
© All Rights Reserved
purani ek diary se mile,
kuchh keemati se lafz ....
मैं आम सा कोई लफ्ज हूं,
वो आसमानों का राजा है
तो मैं अपने आप में एक कर्ज हूं,
वो गहराई है किसी सागर की
तो मैं बारिश का पानी हूं,
उससे हवाएं भी बातें करती हैं,
और मैं अधूरी सी एक कहानी हूं ,
वो रंग है एक बादलों का,
मेरा गेहूं सा रंग सांवला,
वो आसमां मैं जमीं हूं
फिर मेरा उसका क्या मुकाबला ......
मैं दुआ करुंगी उसके लिए,
क्योंकि जज्बातों की कोई जेल नहीं,
उसे जाने दो उसके रास्ते
उसका मेरा कोई मेल नहीं.....
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