...

16 views

प्रतिक्षा
#प्रतिक्षा
स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन;
शम्भू जैसे पाने को गौरा संग,
मैं भी हूँ तैयार ले चल अपने संग,
उल्फत के तो है ढेरो रंग,
मुझे लगी है तुझसे लगन,
अब न रहना गैरो के संग,
स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन।
© Ambuj Pathak