शायरी
सीधी राहों पर सीधे बनकर बहुत चलकर देखा
सोचतें है थोडा तेढीं राहंपर तेढे चलकर देखें...
किसें पता शायद उस राह पर ऐसीं रूह मिल जायें
जिससें इस बेजान रूहं में कुछ सांसे मिल जायें..
शोभा मानवटकर...
© All Rights Reserved
सोचतें है थोडा तेढीं राहंपर तेढे चलकर देखें...
किसें पता शायद उस राह पर ऐसीं रूह मिल जायें
जिससें इस बेजान रूहं में कुछ सांसे मिल जायें..
शोभा मानवटकर...
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