love
जिंदगी के दरवाजे़ पर आपकी दोस्ती की दस्तक हुई
जैसे जन्नत के नूर सी बरकत हुई
तुम्हारे हाथों से छूकर जो बनते हैं जज़्बात
उसकी मधूशाला से थोड़ी पीकर आते हैं
फिर ना...
जैसे जन्नत के नूर सी बरकत हुई
तुम्हारे हाथों से छूकर जो बनते हैं जज़्बात
उसकी मधूशाला से थोड़ी पीकर आते हैं
फिर ना...