...

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जिंदगी
आसमान की और चली मैं देखो उड़ी मैं अपने पंख फैलाके ,इतराके, थोड़ी शर्मा के बस उड़ती ही चली...
ख्वाहिशों की उड़ान, अरमानों की उड़ान, आजादी की उड़ान उड़ती ही चली देखो पंख फैलाए उड़ी मैं...
मैं वही हूं जिसके पंख बढ़ने नहीं दिए, सबर ने नहीं दिए वक्त की पाबंदी,...