फिर कब मिलोगे.....
जाने की आहट से गुमसुम हो बैठे नयन
फिर कब मिलोगे कहके रिमझिम बरसे नयन
उनके दीदार से छटते हैं उदासी के बादल
फिर कब मिलोगे कहके, मिलने को तरसे नयन।
जाना है आऊंगा वापस, सुनके अधीर...
फिर कब मिलोगे कहके रिमझिम बरसे नयन
उनके दीदार से छटते हैं उदासी के बादल
फिर कब मिलोगे कहके, मिलने को तरसे नयन।
जाना है आऊंगा वापस, सुनके अधीर...