गैर से क्यों करें भला शिकवाज़िन्दगी ने ही बेवफाई की
बाद मुद्दत के दिल नवाई की
दिल ने फिर उससे आशनाई की
गैर से क्यों करें भला शिकवा
ज़िन्दगी ने ही बेवफाई की
बे गुनाह बेकसूर था मैं भी
बात थी मेरी पारसाई की
जब भी मै रास्ते से भटका शाह
काैन है जिसने रहनुमाई की
shahalam Bagi
दिल ने फिर उससे आशनाई की
गैर से क्यों करें भला शिकवा
ज़िन्दगी ने ही बेवफाई की
बे गुनाह बेकसूर था मैं भी
बात थी मेरी पारसाई की
जब भी मै रास्ते से भटका शाह
काैन है जिसने रहनुमाई की
shahalam Bagi
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