...

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ईद की खुशियां भी मुहाल हो जाती है
ईद की खुशियां भी मुहाल हो जाती है
जब याद किसी की दिल मे बस जाती है

ख्याल खुद का रहता नहीं फरहान
बे-खुदी खुद से जब खो जाती है

लाख वजह ना भी हो अगर
निगाहें देहलीज को जाती है

खुशबू रक्स करती है उनकी
सारी बाते जहेन में याद आती है

जुबां तो छूट बोल देती है
आंखे सब कह जाती है

कितना छुपाए कोई भी यहां
एक शक्स की कमी
राज हजार खोल जाती है

हकीकत से मुखालिफ हम भी है
पर क्या करे निगाहें वही लौट जाती है

कुछ ख्याल रहेता नहीं
बे-ख्याली फिर तड़पाती है

ईद की खुशियां भी मुहाल हो जाती है
जब याद किसी की दिल मे बस जाती है

_I MISS YOU GRANDFATHER_


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© Farhan Haseeb