ईद की खुशियां भी मुहाल हो जाती है
ईद की खुशियां भी मुहाल हो जाती है
जब याद किसी की दिल मे बस जाती है
ख्याल खुद का रहता नहीं फरहान
बे-खुदी खुद से जब खो जाती है
लाख वजह ना भी हो अगर
निगाहें देहलीज को जाती है
खुशबू रक्स करती है उनकी
सारी बाते जहेन में याद आती है
...
जब याद किसी की दिल मे बस जाती है
ख्याल खुद का रहता नहीं फरहान
बे-खुदी खुद से जब खो जाती है
लाख वजह ना भी हो अगर
निगाहें देहलीज को जाती है
खुशबू रक्स करती है उनकी
सारी बाते जहेन में याद आती है
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