11 views
भरोसा
नज़रों से दूर चले जाओगे लेकिन
निगाहों से दूर जा ना पाओगे
जिस्म से दूरी बना लो मगर
दिल से तो दूर जा ना पाओगे
मेरी तस्वीर तो फ़ाड़ दी मगर
मन में बसी है जो सूरत
उसे भला कैसे मिटाओगे
खिजां में गिरेंगे पत्ते चनारों से
मन के गुलशन को कैसे जलाओगे
अपनी मुहब्बत और तुम्हारी वफ़ा पर है भरोसा
एक दिन लौट के ज़रूर आओगे
© सरिता अग्रवाल
निगाहों से दूर जा ना पाओगे
जिस्म से दूरी बना लो मगर
दिल से तो दूर जा ना पाओगे
मेरी तस्वीर तो फ़ाड़ दी मगर
मन में बसी है जो सूरत
उसे भला कैसे मिटाओगे
खिजां में गिरेंगे पत्ते चनारों से
मन के गुलशन को कैसे जलाओगे
अपनी मुहब्बत और तुम्हारी वफ़ा पर है भरोसा
एक दिन लौट के ज़रूर आओगे
© सरिता अग्रवाल
Related Stories
25 Likes
5
Comments
25 Likes
5
Comments