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प्यार, प्रेम, लव.........
प्यार, प्रेम, लव..... (मतलब क्या )

ये वोह है, जोह 'दो' अक्षर मिलने से होता है.
ये वोह है, जोह दो 'तन और मन' मिलने से होता है.
ये वोह है, जोह 'सूर्य और चंद्र' मिलने से होता है.
ये वोह है, जोह 'उसका नाम' सुनते ही, 'दिल की धड़कन' बढ़ने से होता है.
ये वोह है, जोह 'सांसे लम्बी-लम्बी' करवाता है.
ये वोह है, जोह बिना किसी 'तार' से जुड़ जाता है.
ये वोह है, जोह 'मुलायम ' सा लगने लगता है.
ये वोह है, जोह किसी के लिए 'पूरी दुनिया ' तोह किसी के लिए '................
ये वोह है, जोह है.

© S.R.B.