...

11 views

बात से पहले
लफ़्ज़ तौल लेना जरूरी है, ज़ाहिरात से पहले
यूँ न हो कि बात ही बिगड़ जाए, बात से पहले...

किस के भरोसे छोड़ा जाये अपने दरकते घर को
छप्पर दुरुस्त कर लेता हूँ ख़ुद, बरसात से पहले...

गुरबतों से सीखा है मैंने अपना सर ऊंचा रखना
देने का जिगर रखते हैं, किसी सौगात से पहले...

मेल ना होता हो, जिसकी जुबां और आँखों का
मिलना छोड़ दो उससे किसी करामात से पहले...

कमाल का हुनर बक्शा है, उसे आंखे पढ़ने का
चेहरे की रंगत पढ़ लेता है वो जज़्बात से पहले...

बदलते देखे हैं हमने, हसीनों के तेवर अक्सर
यारो कदम संभालना जरा मुलाक़ात से पहले...

जिसपे गुज़रे वही जानता है, इंतिज़ार का दर्द
हिज़्र की घड़ी आती है वस्ल की रात से पहले...

लिखना आसां हो तो, हर कोई लिख ले 'नवीन'
ये काम तो अक्ल का है, कलम दवात से पहले..
© Naveen Saraswat