अश्क
अश्क आंखों से बहकर डगर ढुढती।
मैला आंचल लिए फिर क्यूं घर ढुढती।
चिखता मैं रहाअश्क आंखें लिए।।
मैं कहां गीर गया ऐ नज़र ढुढती।
कल भी तनहा...
मैला आंचल लिए फिर क्यूं घर ढुढती।
चिखता मैं रहाअश्क आंखें लिए।।
मैं कहां गीर गया ऐ नज़र ढुढती।
कल भी तनहा...