मातृ छाया
#छाया
हर मुस्किल में साथ खडा है,
वो माँ का ही तो साया है!
तप्ती धूप में उसका अंचल,
लगता बरगद सी छाया है!
मेरा दुख वो अपना समझे,
कभी अपना नहीं बताया है
हर पीड़ा , वो खुद हर लेती!
हर दुख उस, हिस्से आया है
हर मुस्किल में साथ खडा है,
वो माँ का ही तो साया है!
© tarun_puniya
हर मुस्किल में साथ खडा है,
वो माँ का ही तो साया है!
तप्ती धूप में उसका अंचल,
लगता बरगद सी छाया है!
मेरा दुख वो अपना समझे,
कभी अपना नहीं बताया है
हर पीड़ा , वो खुद हर लेती!
हर दुख उस, हिस्से आया है
हर मुस्किल में साथ खडा है,
वो माँ का ही तो साया है!
© tarun_puniya