...

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माँ
#MothersDayPoem
कलम भर से तुझे परिभाषित कर ना पाऊ
धरा पर स्वरूप तुझसा कोई कहाँ माँ
इश्वर को मैने देखा नही, जरुर तेरा अंश ही होगा माँ,
दोशला लाद्ते फिरती हुँ पर तेरे आंचल की छाँव कहिं मिलती नही माँ।
मैं शब्द हुँ तू मेरि परिभाषा है माँ
जालिम अंधेरो ने जब जब घेरा मुझे,
मेरे जीवन का दीपक तू ही थी माँ।
माँ त्याग हैं, अभिलाषा हैं,
मरुस्थल में जैसे मीठा झरना है।
माँ की बस यही परिभाषा हैं।
#LawgicalG #motivational_quotes #Poetizer