...

31 views

इक़ आईना है..!
है क़रीब बहुत मेरे
पऱ मेरे हाथ होता नहीं है,

हँसूँ तो हंसता है.. रोता है
पऱ साथ होके भी मेरे साथ होता नहीं है,

अभी भी है ज़िन्दगी में धुन्दला धुन्दला सा कहकशां ख़्वाबों का
जाने क्यूँ मुझसे उनका अक्स साफ़ होता नहीं है,

इक़ आईना है मेरे घर में
जो मेरा होता हुए भी मेरे पास होता नहीं है,

उफ़्फ़.. है क़रीब बहुत मेरे
पऱ मेरे हाथ होता नहीं है,

इक़ आईना है...!

© All Rights Reserved
© बस_यूँ_ही