इक़ आईना है..!
है क़रीब बहुत मेरे
पऱ मेरे हाथ होता नहीं है,
हँसूँ तो हंसता है.. रोता है
पऱ साथ होके भी मेरे साथ होता नहीं है,
अभी भी है ज़िन्दगी में धुन्दला...
पऱ मेरे हाथ होता नहीं है,
हँसूँ तो हंसता है.. रोता है
पऱ साथ होके भी मेरे साथ होता नहीं है,
अभी भी है ज़िन्दगी में धुन्दला...