भरत भाई की प्रतीक्षा/श्रीराम का पुर्नागमन
© Nand Gopal Agnihotri
# हिंदी साहित्य दर्पण
# स्वरचित कविता :- भरत की प्रतीक्षा - श्री राम का आगमन
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नंदीनंदीग्राम भरत भाई बैठे, करत प्रतीक्षा राम की ।
जटाजूट तपसी के वेशा , एक ही रट श्रीराम की ।।
पूर्णावधि भ्रात नहिं आए, संग लखन माता जानकी ।
बरस चतुर्दस कीन्ह प्रतीक्षा, अब देहौं आहुति प्राण की ।।
विप्र रूप धरि हनुमत , आ पहुंचे तत्काल ।
देखी दशा जो भरत की, बतलाए सब हाल ।।
कहा राम का दास हूँ, मैं अंजनी का लाल ।
प्रभु आगमन जान कर, हरषे कैकेयीलाल ।।...