ग़ज़ल
शाख़-ए-दिल देखिए फिर हरी हो गई
आज ख़त्म उस की नाराज़गी हो गई
एक जंगल के बाद एक जंगल मिला
इक मुसीबत के बाद इक खड़ी हो गई
सब से मिलते हुए हाथ उन से मिला
हाथ के साथ कुछ बात भी हो गई
उस के...
आज ख़त्म उस की नाराज़गी हो गई
एक जंगल के बाद एक जंगल मिला
इक मुसीबत के बाद इक खड़ी हो गई
सब से मिलते हुए हाथ उन से मिला
हाथ के साथ कुछ बात भी हो गई
उस के...