गर्व
आह्लाद गर्व,
अभिमान सर्व,
हो क्षणभंगुर,
स्व में नश्वर,
तो है ग्रहणीय,
लगे रमणीय,
कालोपरांत,
यदि रहा प्रखर,...
अभिमान सर्व,
हो क्षणभंगुर,
स्व में नश्वर,
तो है ग्रहणीय,
लगे रमणीय,
कालोपरांत,
यदि रहा प्रखर,...