लिखता हूं मिटाता हूं
लिखता हूं मिटाता हूं
नई धून गुनगुनाता हूं
क्या लिखूं क्या न लिखूं
ये सोच कर रह जाता हुं
सारा जहां गुनगुना रहा
...
नई धून गुनगुनाता हूं
क्या लिखूं क्या न लिखूं
ये सोच कर रह जाता हुं
सारा जहां गुनगुना रहा
...