बचपन
मेरे घर के आंगन में खोया
उम्र का वो हिस्सा
सुन कर आज फिर रोया
मेरे बचपन का किस्सा,
हर पल जिसके साथ बिताया
मेरे किस्से में मशहूर हो गए
साथी खिलौने उस उम्र के
हकीकत में दूर हो गए,
कहा रुकते थे कदम
कहा थकते थे हम
उदासी थी ही कितनी
था कहा कोई गम,
समझ लिया था जिसे...
उम्र का वो हिस्सा
सुन कर आज फिर रोया
मेरे बचपन का किस्सा,
हर पल जिसके साथ बिताया
मेरे किस्से में मशहूर हो गए
साथी खिलौने उस उम्र के
हकीकत में दूर हो गए,
कहा रुकते थे कदम
कहा थकते थे हम
उदासी थी ही कितनी
था कहा कोई गम,
समझ लिया था जिसे...