...

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न भोज कराना
न भोज कराना =
दादा बूढ़े हो चुके थे
कोरोना बढ़ गया था
दादा को मनाही थी
टेलीवीजन देखने की
वह अखबार न पढ़ें
पढ़ेंगे मौत के आंकड़े
पर दादाजी क्या करें
हर वक्त क्या माला जपें
जब कुछ वह पूछते
सब ठीक है सुनते
अब कैसे टीवी खोला
वह तो क्या क्या बोला
सब गड़बड़ चल रहा है
मानव सिलेंडर पर जी रहा है
वे बड़े ही झल्लाये
क्यों मुझे पाबन्दी थी
टीवी से अखबार से
क्या कोरोना हो जाएगा
घर वालों को फिक्र उम्र की थी
काया अब कमजोर हो चली थी
सब छोड़ दादा बाहर आए
कुर्सी पड़ी कुर्सी पर बैठे
कुछ दूर नीम का पेड़ निहारा...