katir
छुपाओ न ख़ुद को जमाने कि ख़ातिर.
मिलो तुम कभी दिल लगाने कि ख़ातिर.
छुपाकर रखो बूंद तुम मोतियों की
बहाओ न आंसू खजाने कि ख़ातिर.
तिरे नाम की लत लगी है ...
मिलो तुम कभी दिल लगाने कि ख़ातिर.
छुपाकर रखो बूंद तुम मोतियों की
बहाओ न आंसू खजाने कि ख़ातिर.
तिरे नाम की लत लगी है ...