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तेरे लिए
उफ्फ ये दूरी और ये दिसम्बर की रातें
कानों में चुभती है बिन कही बातें
हल्का सा झोंका भी याद तुम्हारी ले आता
दर्द ये दिल का अब सहा नहीं जाता
कैसे बताएं तुम्हें क्या मजबूरी है
दिल कितने पास है दुश्मन ये दूरी है
बस समझ लो अब ये दूरी रहेगी
तड़प ये दिल की तड़पाती रहेगी
for someone special 😍
© @mrblank00
कानों में चुभती है बिन कही बातें
हल्का सा झोंका भी याद तुम्हारी ले आता
दर्द ये दिल का अब सहा नहीं जाता
कैसे बताएं तुम्हें क्या मजबूरी है
दिल कितने पास है दुश्मन ये दूरी है
बस समझ लो अब ये दूरी रहेगी
तड़प ये दिल की तड़पाती रहेगी
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