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#माँ की परिभाषा आसान नहीं.....
माँ की परिभाषा आसान नहीं
जो माँ को न समझे,वह इंसान नहीं...
माँ अपनो के गम को समेटे है
अपने आँचल मे घर को लपेटे है।🤰
माँ का जीवन हर दिन इम्तिहान है
हर बार इसमे पास होना ,उसकी शान है🤰
माँ को भी दुःख होता है
पर उसका हर आंसू दूसरो के लिए होता है🤰
माँ की भी तो जीतना आता है
पर अपनो से हारकर उसे मज़ा आता है🤰
माँ को भी तो दर्द होता है
पर सबके सुख मे उसका
दर्द अपना वजूत खो देता है🤰
जो माँ को न समझे,वह इंसान नहीं...
माँ अपनो के गम को समेटे है
अपने आँचल मे घर को लपेटे है।🤰
माँ का जीवन हर दिन इम्तिहान है
हर बार इसमे पास होना ,उसकी शान है🤰
माँ को भी दुःख होता है
पर उसका हर आंसू दूसरो के लिए होता है🤰
माँ की भी तो जीतना आता है
पर अपनो से हारकर उसे मज़ा आता है🤰
माँ को भी तो दर्द होता है
पर सबके सुख मे उसका
दर्द अपना वजूत खो देता है🤰
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