जयश्रीराम 🙏
काहे का शोर है ,
राम कहीं और हैं
धरती न आकाश में ,
भूख में न प्यास में
राम श्वास -श्वास में ,
रमते हैं विश्वास में
बस एक चितचोर है ,
थामे जो धर्म डोर है
रूप न श्रृंगार में ,
न जलते अंगार में
न गंग -जमुन धार में ,
न वेद के...
राम कहीं और हैं
धरती न आकाश में ,
भूख में न प्यास में
राम श्वास -श्वास में ,
रमते हैं विश्वास में
बस एक चितचोर है ,
थामे जो धर्म डोर है
रूप न श्रृंगार में ,
न जलते अंगार में
न गंग -जमुन धार में ,
न वेद के...