भीगी पलकें...
...भीगी पलकें...
पलके भीग जाती है,
बाबुल की याद में,
तन्हाई बड़ी सताती है,
अब मायके के इंतजार में।।
यह कैसे रीत तूने खुदा है बनाई,
बचपन का आंगन छोड़,
होजाती है परियो की विदाई।।
जिम्मेदारी के ढांचे में ढलना ही होता है,
पलके पर आंसू छुपकर...
पलके भीग जाती है,
बाबुल की याद में,
तन्हाई बड़ी सताती है,
अब मायके के इंतजार में।।
यह कैसे रीत तूने खुदा है बनाई,
बचपन का आंगन छोड़,
होजाती है परियो की विदाई।।
जिम्मेदारी के ढांचे में ढलना ही होता है,
पलके पर आंसू छुपकर...